Utkarsh Small Finance Bank: शेयर 60% टूटा, अब IPO प्राइस से भी नीचे

Utkarsh Small Finance Bank

4 अगस्त को Utkarsh Small Finance Bank के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई। कारोबार के दौरान इसका भाव करीब 8% टूटकर 20.15 रुपये तक आ गया, जो इसके आईपीओ प्राइस ₹25 से भी नीचे है। यह गिरावट बैंक के जून तिमाही नतीजों के बाद सामने आई, जिनमें एसेट क्वालिटी में साफ गिरावट देखी गई है।

Utkarsh Small Finance Bank

एसेट क्वालिटी में गिरावट

मार्च 2025 में बैंक ने खराब लोन के लिए 223 करोड़ रुपये अलग रखे थे, लेकिन जून तिमाही में यह ज़रूरत इतनी बढ़ गई कि प्रावधान की राशि 410 करोड़ रुपये तक जा पहुंची। इसका सीधा असर बैंक की आय और मुनाफे की क्षमता पर पड़ा है।

प्रावधानों में भारी बढ़ोतरी


मार्च 2025 में Utkarsh Small Finance Bank ने जहां 223 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, वहीं जून तिमाही में यह बढ़कर 410 करोड़ रुपये हो गया। इसका मतलब है कि फंसे कर्जों की भरपाई के लिए बैंक को ज्यादा राशि अलग रखनी पड़ी, जिससे मुनाफे पर दबाव पड़ा है।

लोन ग्रोथ धीमी, लेकिन सिक्योर्ड लोन में सुधार

Utkarsh Small Finance Bank का ग्रॉस लोन पोर्टफोलियो साल-दर-साल 2.3% की मामूली बढ़त के साथ ₹19,224 करोड़ तक पहुंचा है। अच्छी बात तो ये है कि बैंक के कुल लोन में सिक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी बढ़कर 45% हो गई है, जो पिछले साल 35% थी। इससे जोखिम थोड़ा संतुलित होता है, लेकिन गिरती क्वालिटी इसे बेअसर कर रही है।

शेयर ने बनाया 52 वीक लो

Utkarsh Small Finance Bank का शेयर अब 52 वीक लो यानी पिछले एक साल का सबसे निचला स्तर छू चुका है। 2023 में इसका आईपीओ ₹25 पर आया था, लेकिन अब इसका भाव 20 रुपये के पास आ चुका है। वहीं, इसका 52 वीक हाई ₹51.40 था, यानी वहां से करीब 60% की गिरावट हो चुकी है। साल 2025 की शुरुआत से अब तक यह स्टॉक लगभग 41% गिर चुका है।

पहली तिमाही में घाटा

जून 2025 तिमाही में बैंक को 239 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में उसे 137 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। घाटे की बड़ी वजह बढ़ता एनपीए और provisioning है, जो सीधे नतीजों पर असर डालती है।

निवेशकों के लिए क्या संदेश?

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार नहीं दिखता और नतीजे स्थिर नहीं होते, तब तक इस स्टॉक में ज्यादा भरोसा दिखाना जोखिमभरा हो सकता है। खासकर रिटेल निवेशकों को जल्दबाज़ी से बचना चाहिए और अगली तिमाही की रिपोर्ट्स का इंतजार करना समझदारी होगी।

(यह लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से है। निवेश से पहले किसी वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें। शेयर बाजार में जोखिम बना रहता है।)