आजकल Salt Water Batteryतकनीक वैश्विक ऊर्जा चर्चाओं के केंद्र में है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह तकनीक बिजली भंडारण के तरीके में बुनियादी बदलाव ला सकती है। जिस तरह मोबाइल, लैपटॉप, ईवी और सोलर पैनल हमारी रोजमर्रा की ज़रूरत बन चुके हैं, उसी तरह इन सभी के लिए बैटरी एक अहम आधार है। लेकिन मौजूदा लिथियम-आयन बैटरियां महंगी हैं, सीमित खनिज संसाधनों पर निर्भर करती हैं और पर्यावरण के लिए खतरे भी पैदा करती हैं। इसी कारण Salt Water Battery एक सुरक्षित, सस्ती और टिकाऊ समाधान के रूप में उभर रही है।
वर्तमान बैटरियों की चुनौतियां
आज अधिकतर बैटरियां लिथियम और वैनाडियम जैसी दुर्लभ धातुओं पर आधारित हैं। ये ऊर्जा क्षमता में बेहतर हैं, लेकिन इनका उत्पादन महंगा है और खनन प्रक्रिया पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है। इसके अलावा, इन बैटरियों का जीवनकाल भी सीमित होता है कुछ वर्षों बाद इनमें चार्ज रखने की क्षमता घट जाती है और इन्हें बदलना पड़ता है।

Salt Water Battery क्या है?
Salt Water Battery मूलतः एक प्रकार की रेडॉक्स फ्लो बैटरी है। इसमें विद्युत को एक तरल इलेक्ट्रोलाइट में संग्रहित किया जाता है। वैज्ञानिक इसमें सोडियम (नमक) का उपयोग करते हैं। और आयरन जैसे साधारण व सस्ते तत्वों का प्रयोग कर रहे हैं, जो लगभग हर जगह आसानी से मिल जाते हैं।
इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि नमक वाला पानी ज्वलनशील नहीं होता, जिससे आग लगने या विस्फोट का खतरा लगभग समाप्त हो जाता है।
कैसे काम करती है?
इस बैटरी में दो अलग-अलग टैंकों में तरल इलेक्ट्रोलाइट रखा जाता है। चार्ज होने पर इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह एक टैंक से दूसरे टैंक में होता है, जबकि डिस्चार्ज के समय यह प्रक्रिया उलटी दिशा में चलती है।
इसकी खासियत है कि यदि अधिक ऊर्जा भंडारण चाहिए तो बस टैंकों का आकार बड़ा करना होता है, पूरी बैटरी बदलने की जरूरत नहीं होती।

बाजार में बढ़ती दिलचस्पी
अमेरिका और अन्य देशों की कई कंपनियां इस तकनीक के व्यावसायिक उपयोग पर काम कर रही हैं। उनका लक्ष्य है कि इसे बड़े पैमाने पर अपनाया जा सके, ताकि सौर और पवन ऊर्जा जैसी नवीकरणीय बिजली को लंबे समय तक स्टोर किया जा सके।
मुख्य फायदे
- लंबा जीवनकाल: हजारों चार्ज-डिस्चार्ज चक्रों में भी प्रदर्शन स्थिर।
- कम लागत: महंगी धातुओं की जगह आसानी से उपलब्ध और सस्ते तत्व।
- बेहतर सुरक्षा: आग और विस्फोट का जोखिम बेहद कम।
- स्केलेबिलिटी: जरूरत के अनुसार क्षमता बढ़ाना सरल।
मौजूदा चुनौतियां
हालांकि फायदे अनेक हैं, लेकिन इनकी ऊर्जा घनत्व (Energy Density) अभी लिथियम बैटरियों से कम है। इसका मतलब है कि इन्हें अधिक जगह चाहिए, इसलिए फिलहाल ये इलेक्ट्रिक वाहनों की बजाय पावर ग्रिड और सौर ऊर्जा फार्म जैसे बड़े स्टोरेज में ज्यादा उपयुक्त हैं।
भविष्य की संभावना
दुनिया भर में ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में नई बैटरी तकनीकों की भूमिका अहम है। यदि आने वाले वर्षों में Salt Water Battery की लागत घटाई गई और दक्षता बढ़ाई गई, तो यह नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण की रीढ़ बन सकती है।
आने वाले समय की चुनौतियां और समाधान
Salt Water Battery न केवल सल्फर और वैनेडियम जैसी सीमित सामग्रियों के उपयोग की लागत को कम करती हैं, बल्कि एक सुरक्षित, सस्ता और दीर्घकालिक ऊर्जा भंडारण समाधान भी प्रदान करती हैं। इसमें भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक विविधता लाने की क्षमता है।
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