एशिया कप 2025 जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है, India Pakistan Match को लेकर बहस भी तेज़ हो गई है। कई लोग इस मैच को समर्थन दे रहे हैं, तो कई इसकी आलोचना कर रहे हैं। ऐसे में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का बयान चर्चा में है। उन्होंने साफ कहा है कि खेल और आतंकवाद दो अलग-अलग चीजें हैं – आतंकवाद रुकना चाहिए, लेकिन खेल नहीं।

“खेल रुकना नहीं चाहिए” – गांगुली का स्पष्ट रुख
ANI से बातचीत करते समय गांगुली ने कहा, “india pakistan match को जारी रहना चाहिए। आतंकवाद नहीं होना चाहिए, और भारत ने इस पर हमेशा सख्त रुख अपनाया है। लेकिन अब वह बीती बात हो चुकी है। हमें खेल को आगे बढ़ाना चाहिए।”
गांगुली के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग उनके रुख का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं, क्योंकि अप्रैल में गांगुली ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ कोई भी संबंध नहीं होना चाहिए।
बदला सुर या बदला नजरिया?
गांगुली के इस बदले बयान ने फैंस को हैरान किया है। अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद उन्होंने सख्त प्रतिक्रिया दी थी और पाकिस्तान के साथ सभी संबंध खत्म करने की बात कही थी। लेकिन अब उनका कहना है कि आतंकवाद पर सख्त कदम जरूरी है, पर खेल को उसकी वजह से रोका नहीं जाना चाहिए। कुछ फैन्स इसे गांगुली का परिपक्व दृष्टिकोण मान रहे हैं, तो कुछ इसे विरोधाभास कहकर आलोचना कर रहे हैं।

एशिया कप 2025 में कब होगा भारत-पाक मैच?
14 सितंबर को एशिया कप में india pakistan match तय है। यह मैच तटस्थ स्थल पर – संभवतः दुबई में – खेला जाएगा। बीसीसीआई ने साफ किया है कि यह कोई द्विपक्षीय सीरीज़ नहीं है, बल्कि एक बहुद्देशीय टूर्नामेंट है, जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों ही हिस्सा ले रहे हैं।
बीसीसीआई के सूत्रों का कहना है कि अगर भारत ऐसे टूर्नामेंटों में हिस्सा नहीं लेता, तो यह पाकिस्तान को वॉकओवर देने जैसा होगा। वहीं, ओलिंपिक या एशियाई खेलों में भारत पाकिस्तान के खिलाड़ियों के खिलाफ खेलता है, तो क्रिकेट में क्यों नहीं?
भारत का ग्रुप और संभावनाएं
भारत का पहला मुकाबला 10 सितंबर को यूएई के खिलाफ होगा। भारत, पाकिस्तान, यूएई और ओमान एक ही ग्रुप में हैं। अगर सबकुछ योजना के अनुसार होता है, तो भारत और पाकिस्तान 21 सितंबर को सुपर फोर में फिर से आमने-सामने हो सकते हैं।
निष्कर्ष
सौरव गांगुली का ताजा बयान बताता है कि खेल और राजनीति को एक-दूसरे से अलग रखा जाना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ सख्ती ज़रूरी है, लेकिन खेल एक ऐसा जरिया है, जिससे संवाद और सहयोग की संभावनाएं बनती हैं।
अब देखना यह होगा कि india pakistan match को लेकर सोशल मीडिया और जनता का मिजाज किस ओर जाता है – समर्थन की तरफ या विरोध की तरफ। लेकिन एक बात तो तय है, 14 सितंबर को सबकी निगाहें इस हाई-वोल्टेज मुकाबले पर होंगी।