05 अगस्त को Indian Bullion Market में एक अहम बदलाव देखने को मिला। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 24 कैरेट gold price 1,00,167 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। ये पहली बार नहीं है जब सोने ने 1 लाख रुपए का आंकड़ा पार किया है, लेकिन यह इशारा जरूर है कि बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है।

क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम?
Gold Price में अचानक आई तेजी के पीछे कई वजहें हैं। एक तो वैश्विक स्तर पर आर्थिक अस्थिरता का माहौल है – जैसे अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव, डॉलर की चाल, और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें। जब भी इस तरह की स्थिति बनती है, निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख करते हैं। यही कारण है कि मांग बढ़ने से सोने की कीमतों में तेजी आ रही है।
चांदी की चाल भी तेज
सिर्फ सोना ही नहीं, चांदी की कीमतों में भी बढ़त देखी गई है। चांदी का दाम आज 112,428 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है, जो कि सोमवार को 111,900 रुपए था। यानी सिर्फ एक दिन में करीब 500 रुपए की बढ़त।

RBI मीटिंग से जुड़ी उम्मीदें
सोने-चांदी की कीमतों के साथ-साथ अब सबकी नजरें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) पर भी हैं। 4 अगस्त से शुरू हुई इस मीटिंग में यह तय होगा कि ब्याज दरों में कोई बदलाव होगा या नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि RBI इस बार रेपो रेट में 0.25% यानी 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है।
लोन और EMI हो सकते हैं सस्ते
अगर RBI ब्याज दरें घटाता है तो आम आदमी को इसका सीधा फायदा मिलेगा। होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन जैसी सुविधाएं सस्ती हो सकती हैं। EMI कम होगी, और नए लोन लेने वालों के लिए यह एक अच्छा मौका साबित हो सकता है। जिन लोगों ने पहले ही लोन ले रखा है, उन्हें भी अगर फ्लोटिंग रेट पर लोन मिला है तो राहत मिल सकती है।
क्या निवेश करना चाहिए?
सोने की कीमतें जब तेजी से ऊपर जाती हैं, तो कई लोग निवेश के बारे में सोचते हैं। लेकिन ऐसे समय में जल्दबाजी न करें। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो थोड़ा इंतज़ार कर के बाजार को स्थिर होने दें। SIP या छोटे निवेश विकल्पों से शुरुआत करना बेहतर हो सकता है।
सोने और चांदी की कीमतों में लगातार तेजी और RBI की संभावित ब्याज दर कटौती – दोनों ही बातें मौजूदा समय में आम लोगों के लिए अहम हैं। एक ओर जहां गोल्ड महंगा हो रहा है, वहीं लोन सस्ते हो सकते हैं। ऐसे में, सोच-समझकर निर्णय लेना ही सही रहेगा।