Adani 20000 Cr Airport Project: अब कमाई का फोकस उड़ानों से नहीं, ज़मीन से

Adani 20000 Cr Airport Project

Adani 20000 Cr Airport Project के जरिए आदानी ग्रुप अब अपने एयरपोर्ट बिज़नेस को एक नई दिशा देने की तैयारी में है। हाल की रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने लगभग ₹20,000 करोड़ का निवेश योजना बनाई है, जो मुख्य रूप से मुंबई और नवी मुंबई एयरपोर्ट्स के आसपास के सिटी-साइड विकास पर केंद्रित होगी। इसका उद्देश्य है कि 2030 तक एयरपोर्ट्स से होने वाली कुल कमाई का 70% हिस्सा नॉन-एरोनॉटिकल स्रोतों से आए।

Adani 20000 Cr Airport Project

नॉन-एरो रेवेन्यू क्या होता है?

एयरपोर्ट्स की कमाई सिर्फ उड़ानों से जुड़ी सेवाओं, जैसे टिकटिंग या विमानों की लैंडिंग से नहीं होती। एक बड़ा हिस्सा ऐसे साधनों से भी आता है जो सीधी उड़ान सेवाओं से नहीं जुड़े होते—जैसे होटल, ऑफिस स्पेस, रिटेल स्टोर, रेस्टोरेंट आदि। इन्हें नॉन-एरोनॉटिकल रेवेन्यू कहा जाता है।

दुनिया के कई बड़े एयरपोर्ट्स जैसे सिडनी, ज्यूरिख और स्कीपोल ने इसे अपनाकर अपनी आमदनी को स्थिर और विविध बनाया है। अब आदानी ग्रुप भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है, ताकि एयरपोर्ट बिज़नेस को लंबे समय तक टिकाऊ और लाभदायक बनाया जा सके।

नवी मुंबई एयरपोर्ट होगा फोकस में

वी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसकी पहली ऑपरेशनल फेज अक्टूबर 2025 से शुरू होने की उम्मीद है, Adani 20000 Cr Airport Project का एक अहम हिस्सा है। यहां के ज़ोन 2 में लगभग 240 एकड़ ज़मीन पर development का काम किया जा रहा है, जिसमें होटल, ऑफिस टावर और रिटेल स्पेस जैसी सुविधाएं मौजूद होंगी। प्लान के अनुसार 5 होटल (कुल 1000 कमरे), 3 ऑफिस टावर और एक बड़ा शॉपिंग मॉल तैयार किया जाएगा, जिससे यात्रियों और शहरवासियों दोनों को सुविधाएं मिलेंगी।

कंपनी का कहना है कि यहां स्टैंडअलोन रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट्स नहीं होंगे, लेकिन सर्विस अपार्टमेंट्स की अनुमति दी जाएगी जो होटल सुविधाओं से जुड़े होंगे।

Adani 20000 Cr Airport Project

क्यों मुंबई एयरपोर्ट नहीं?

मुंबई एयरपोर्ट के आसपास ज़मीन की सीमाएं और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया एक्ट की पाबंदियां इस तरह के बड़े प्रोजेक्ट्स को सीमित कर देती हैं। इसके उलट, नवी मुंबई एयरपोर्ट में ज़मीन और नीतिगत लचीलापन ज़्यादा है, जिससे बड़े सिटी-साइड प्रोजेक्ट्स को लागू करना आसान हो जाता है।

निवेश और मौजूदा प्रदर्शन

जून 2025 में, आदानी एयरपोर्ट्स ने अपने छह मैनेज्ड एयरपोर्ट्स में रिटेल, फूड और बेवरेज सुधार के लिए $750 मिलियन की बाहरी कमर्शियल फंडिंग जुटाई। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में कंपनी ने ₹2,715 करोड़ का राजस्व दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में 25% ज्यादा है।

शेयर बाजार में हलचल

हालांकि कंपनी के शेयर ₹2,290 पर खुले और दिन में ₹2,275.60 तक गिर गए, यह गिरावट स्थायी नहीं मानी जा रही है। बीते एक हफ्ते में 3.11% और एक महीने में करीब 11.74% की गिरावट देखने को मिली है, लेकिन निवेशक इस दीर्घकालिक योजना को लेकर आशावान हैं।

आदानी एयरपोर्ट्स की यह रणनीति सिर्फ एक निवेश योजना नहीं है, बल्कि यह भारत में एयरपोर्ट संचालन की सोच में बदलाव का संकेत है। Adani 20000 Cr Airport Project के ज़रिए कंपनी सिर्फ हवाई यात्रा तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि एयरपोर्ट्स के आसपास की ज़मीन का स्मार्ट और मुनाफेदार उपयोग कर एक नई कमाई का रास्ता बना रही है। इस बदलाव से न केवल कंपनी को फायदा होगा, बल्कि यात्रियों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नए अवसर मिलेंगे।